ऐसा लगता है कि सुप्रसिद्ध हिन्दी दैनिक 'हिन्दुस्तान' के सम्पादकीय विभाग में कर्मी सोते -सोते ही खबरें लगाते हैं.
कम से कम खेल समाचार वाले पृष्ठ पर जिनका सम्पादकीय दायित्व है , वे तो ऊंघते ऊंघते ही काम कर रहे होते है.
पिछले वर्ष सितम्बर माह की एक खबर और फोटो शीर्षक पर मैने एक जुमला इसी ब्लोग पर लिखा था, शायद दैनिक 'हिन्दुस्तान' में किसी ने देखा नहीं ( देखें http://jaanebheedoyaaro.blogspot.in/2012/09/blog-post.html हिन्दुस्तन को चेतन चौहान और कीर्ति अज़ाद का फर्क़ नहीं पता )
अभी 24 जून के अंक को देखकर मैं एक बार फिर चौंका . खबर क्रिकेट खिलाड़ी श्रीसंत के बारे में थी जो अभी हाल में आई पी एल 6 में 'स्पोट फिक्सिंग' मामले में जमानत पर छूटे हैं.
खबर का शीर्षक था " श्रीसंत ने ट्रेनिंग शुरू की, जल्द करेंगे वापसी" . इस रोचक शीर्षक ओ देखकर पूरी खबर पढने का मन हुआ. परंतु ये क्या..? खबर के साथ फोटो तो श्री संत की नहीं थी, वह तो जाना -पहचाना क्रिकेटर यूसुफ पठान था. सोचा शायद पठान ने ही श्रीसंत तो ट्रेनिंग देने का मन बनाया होगा.
परंतु जब पूरी खबर पढी तो पाया कि सारी की सारी खबर सिर्फ और सिर्फ यूसुफ पठान के बारे में ही थी . उसमें श्री संत की कही कोई भी जिक्र नहीं था.
हुआ ऐसा होगा कि खबर बनाने वाले ने पूरी सही खबर बनायी , फोटो भी शई लगायी ,पर शीर्षक लिखते समय वह चूक कर गया . होना चाहिये था " यूसुफ पठान ने ट्रेनिंग शुरू की, जल्द करेंगे वापसी" और उसकी जगह गलती से ( या नीन्द के कारण ) खबर मे श्रीसंत समा गये और बेचारे यूसुफ पठान बाहर हो गये.
अब कौन नींद में था और कौन नहीं- ये बहस का मामला हो सकता है.
किसकी गलती है और किसकी नहीं- इस पर भी विवाद हो सकता है .
पिछली बार की तरह " कंफूज़न" तो हो ही गया ना !
जाने भी दो यारो !!
कम से कम खेल समाचार वाले पृष्ठ पर जिनका सम्पादकीय दायित्व है , वे तो ऊंघते ऊंघते ही काम कर रहे होते है.
पिछले वर्ष सितम्बर माह की एक खबर और फोटो शीर्षक पर मैने एक जुमला इसी ब्लोग पर लिखा था, शायद दैनिक 'हिन्दुस्तान' में किसी ने देखा नहीं ( देखें http://jaanebheedoyaaro.blogspot.in/2012/09/blog-post.html हिन्दुस्तन को चेतन चौहान और कीर्ति अज़ाद का फर्क़ नहीं पता )
अभी 24 जून के अंक को देखकर मैं एक बार फिर चौंका . खबर क्रिकेट खिलाड़ी श्रीसंत के बारे में थी जो अभी हाल में आई पी एल 6 में 'स्पोट फिक्सिंग' मामले में जमानत पर छूटे हैं.
खबर का शीर्षक था " श्रीसंत ने ट्रेनिंग शुरू की, जल्द करेंगे वापसी" . इस रोचक शीर्षक ओ देखकर पूरी खबर पढने का मन हुआ. परंतु ये क्या..? खबर के साथ फोटो तो श्री संत की नहीं थी, वह तो जाना -पहचाना क्रिकेटर यूसुफ पठान था. सोचा शायद पठान ने ही श्रीसंत तो ट्रेनिंग देने का मन बनाया होगा.
परंतु जब पूरी खबर पढी तो पाया कि सारी की सारी खबर सिर्फ और सिर्फ यूसुफ पठान के बारे में ही थी . उसमें श्री संत की कही कोई भी जिक्र नहीं था.
हुआ ऐसा होगा कि खबर बनाने वाले ने पूरी सही खबर बनायी , फोटो भी शई लगायी ,पर शीर्षक लिखते समय वह चूक कर गया . होना चाहिये था " यूसुफ पठान ने ट्रेनिंग शुरू की, जल्द करेंगे वापसी" और उसकी जगह गलती से ( या नीन्द के कारण ) खबर मे श्रीसंत समा गये और बेचारे यूसुफ पठान बाहर हो गये.
अब कौन नींद में था और कौन नहीं- ये बहस का मामला हो सकता है.
किसकी गलती है और किसकी नहीं- इस पर भी विवाद हो सकता है .
पिछली बार की तरह " कंफूज़न" तो हो ही गया ना !
जाने भी दो यारो !!