रविवार, 23 अगस्त 2009

यह सब ग्लोबल वार्मिंग का असर है भाई!!

ग्लोबल वार्मिंग भारत पर कुछ ज्यादा ही कहर ढा रही है. यह देश में दिखाई पडने वाले सूखे के आसार तक् ही सीमित नहीं है. हमारे चारों ओर होने वाली घटनाओं में भी यह दुष्प्रभाव परिलक्षित हो रहा है.

यूं तो अमरसिंह बीमार हैं और सिंगापुर में इलाज करा रहे हैं पर ग्लोबल वार्मिंग के असर के चलते शाहरुख से अपनी ( न जाने क्यूं) जलन नहीं छिपा पाये और टिप्पणी कर ही बैठे. शाहरुख ने भी इसी ग्लोबल वार्मिंग के वशीभूत ईंट का जवाब पत्थर से देने की कोशिश की.

भाजपा वैसे ही जूतमपैजार से परेशान थी जो वसुन्धरा ने ग्लोबल वार्मिंग के चलते पैदा कर दिया था. ग्लोबल वार्मिंग का कुछ ऐसा असर हुआ कि शिमला की ठंडी वादियों में भी जसवंत जी को गच्चा दे दिया इन्ही के 'अपनों' ने और हनुमान को रावण बना दिया.

ग्लोबल वार्मिंग के ही चलते अम्बानी बन्धु भी तालें ठोक कर मैदान में हैं,और तो और उन्होने ज़बर्दस्ती पूरे देश को इस कुश्ती का रेफरी बनाने की खुली दावत दे डाली है.

सम्भव है कि ग्लोबल वार्मिंग कुछ और असर दिखाये. अब इस पर कहां तक कोई माथा पच्ची करे ?
जाने भी दो यारो!!

बुधवार, 19 अगस्त 2009

'हिन्दुस्तान' में अपहरण की "चेस्टा"


यदि कोई दुष्प्रयास को प्रयास कहे तो बात समझ में आती है किंतु यदि चेष्टा को चेस्टा कहने का प्रयास करे तो इसे क्या कहें.
और यदि 'दिनदहाड़े' यह चेस्टा हो तो ...?

( फोटो देखकर अब पूरी बात समझ में आ गयी ना ?)

जी हां, यह 'हिन्दुस्तान' है. हिन्दी का हिन्दुस्तान . हिन्दी दैनिक हिन्दुस्तान ..
अब आगे क्या कहा जाये .
जाने भी दो यारो !!!