सोमवार, 10 सितंबर 2012

हिन्दुस्तान को चेतन चौहान और कीर्ति आज़ाद का फर्क़ नहीं पता?


चेतन चौहान और कीर्ति आज़ाद दोनों ही पूर्व क्रिकेटर हैं और दोनों ने ही देश का प्रतिनिधित्व किया है. दोनों ही क्रिकेट से अवकाश लेने के बाद राजनीति में आये. दोनों ही भारतीय जनता पार्टी से  सम्बद्ध हैं. दोनों ही लोकसभा के सदस्य ( रहे) हैं.

लेकिन यहां इन दोनों का साम्य खत्म हो जाता है. जहां चेतन चौहान उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ते हैं, वहीं कीर्ति आज़ाद  बिहार से ( इनके पिता बिहार के मुख्य मंत्री भी थे)



लेकिन हिन्दी के राष्ट्रीय समाचार दैनिक  'हिन्दुस्तान' को यह फर्क़ नहीं पता. इस दैनिक समाचार पत्र के लिये शायद दोनों एक ही शख्स  हैं. तभी तो इस दैनिक के 09 सितम्बर के अंक में प्रकाशित समाचार ( फोटो के साथ) में जिक्र तो कीर्ति अज़ाद का है और चित्र में नज़र आते हैं चेतन चौहान,जिनका प्रकाशित समाचार में कोई जिक्र ही नहीं है.
समाचार एक पुस्तक के विमोचन का है. इसमें लिखा है " वहीं पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद ने कहा.." . साथ में प्रकाशित इस विमोचन के चित्र की शीर्षक में भी लिखा है .." विमोचन करते पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद और वरिष्ठ साहित्यकार .."

या तो संवाददाता को नहीं पता कि कीर्ति और चेतन में क्या फर्क़ है. यह भी हो सकता है कि छायाकार इन दोनों क्रिकेटरों को नहीं पहचानता. यह भी हो सकता है...... शायद.......किसी ने पेज बनाने के बाद भी नहीं देखा... शायद सम्पदकीय विभाग ...... जाने भी दो यारो .

शुक्रवार, 25 मई 2012


महंगौ है गऔ तेल  

फिर तें महंगौ है गऔ तेल, कार में अब नांय बैठौंगो  अब नांय बैठौंगो , कार में अब नांय बैठौंगो फिर तें महंगौ है गऔ तेल, कार में अब नांय बैठौंगौ.

·         तेल कौ पैसा मोपे नांय,  अब हमें कौउ पूछत नांय, कार अब हमें सुहावत नांय                 देख देख कें कुढ़ों  जाय में कैंसे बैठौंगो ?

·फिर तें महंगौ है गऔ तेल, कार में अब नांय बैठौंगो



·         संग मेरे ठाड़ी गूजरिया, पहन के धानी चूनरिया, के पिक्चर ले चल सांवरिया

·पैदल कैंसे जांऊ मैं पिक्चर  घर ई बैठौंगो,                                             फिर तें महंगौ है गऔ तेल, कार में अब नांय बैठौंगो                                                                                                                     

·         चीख रये सब टीवी अखबार, बढ़ गयी महंगाई दस बार, जे गूंगी बेहरी है सरकार             जनता बिल्कुल्ल है लाचार, देश में मच गऔ हाहाकार                                     दफ्तर मेरो दूर मैं, रस्ता कैसे पाटौंगौ ?

·फिर तें महंगौ है गऔ तेल, कार में अब नांय बैठौंगो



·          कि नेता मज़े करें दिन रात , विन्हे महंगाई नांय सतात, कीमतें फिर फिर हैं बढ़ जात,        अबकी बारी सोच लयौ है वोट ना डारोंगौ  

फिर तें महंगौ है गऔ तेल, कार में अब नांय बैठौंगो  अब नांय बैठौंगो,कार में अब नांय बैठौंगो  फिर तें महंगौ है गऔ तेल, कार में अब नांय बैठौंगौ.















मंगलवार, 3 जनवरी 2012

नूतन वर्षाभिन्दन

हैप्पी न्यू ईयर 2012

नाचो गाओ मौज़ मनाओ हैप्पी न्यू ईयर
नया वर्ष है खुशी मनाओ हैप्पी न्यू ईयर

प्यार से सबको गले लगाओ हैप्पी न्यू ईयर
जो रूठा है उसे मनाओ हैप्पी न्यू ईयर

महंगा है पेट्रोल तो उसकी चिंता भी छोड़ो
पैदल पैदल ओफिस आओ हैप्पी न्यू ईयर

जो दफ्तर में काम है ज्यादा पूरा उसे करो
ओवर टाइम भूल भी जाओ हैप्पी न्यू ईयर

लोकपाल की चिंता तुम क्यों करते हो अन्ना
अनशन छोड़ो,जम कर खाओ हैप्पी न्यू ईयर

लड्डू पेड़ा महंगा, महंगी चौकलेट भी है
आधा आधा मिलकर खाओ हैप्पी न्यू ईयर

( रचयिता: डा. अरविन्द चतुर्वेदी)