मंगलवार, 15 जून 2010

वाह लालूजी वाह!! नीतिश को गरियाओगे तो पासवान को कहां छिपाओगे ?

इस हमाम में सभी नंगे हैं . इधर नीतिश कुमार का मुलम्मा उतरा तो उधर लालू जी भी अपनी भद पिटवा गये.

एक प्रेस कांफ्रेंस के ज़रिये लालू जी ने भाजपा से दोस्ती के सवाल पर नीतिश को कटघरे में खड़ा करके गोला दागा. कहने लगे कि जरा भी शर्म है तो या तो भाजपा से अलग हो जायें या फिर भाजपा में शामिल हो जायें.
बहुत सही लालू जी. अच्छा प्वाइंट पकड़ा है आपने . हम भी सहमत हैं . पर सूप बोले तो बोले छलनी भी ...

लालू जी, आप तो राम विलास पासवान को राज्यसभा में भेज् रहे हैं. ये वही पासवान हैं ना जो राजग की सरकार में मंत्री थे. अब आपके सगे हैं ? यानी जो आपके साथ रहे वह धर्म-निरपेक्ष और जो आपके खिलाफ हो जाये वह साम्प्रदायिक.

कल तक तो पासवान साम्प्रदायिक थे और आपके लिये अछूत थे,( जैसे कि नीतिश कुमार आज हैं). अब आपकी गोटी उनके साथ फिट बैठ रही है ,तो उनका सारा दाग धुल गया? कौन सी गंगा में नहला दिये उन्हें आप ?

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