वाह वाह !! नीतिश कुमार ! गुड़ खाओगे और गुलगुले से परहेज़ करोगे ?
इस सादगी पे कौन ना मर जाये ए खुदा
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
जी हां ,ये ज़ुबानी ज़मा-खर्च की लड़ाई किसे दिखा रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ? भाजपा के साथ गल्बहियां भी हैं और आंखों के डोरे भी लाल हैं ! क्या बात हैं? ये बाज़ीगरी ही तो इनकी राजनीति का सबसे बड़ा हथियार है.
इधर भाजपा को आंख दिखायी ,प्रेस के सामने खूब गरियाये.उधर चुपके से .....लुधियाना की रैली में जो फोटो खींचा गया था फर्ज़ी था क्या? नहीं ना ? फिर हाय तौबा क्यों ? एक मोदी ( नरेन्द्र) को खरी खोटी सुनाई, दूसरे मोदी ( सुशील) को पुचकार दिया. इधर राजग ( NDA) के साथ सरकार भी चलाओगे और ‘सोने ‘ से खरे भी दिखना चाहोगे ?
जनता को बेवकूफ समझ रखा है क्या ?
अब समय आ गया है कि जनता ऐसे राजनीति के बाज़ीगरों को कटघरे में खड़े कर के सवाल पूछे. दुमुहीं राजनीति कतई बर्दाश्त नहीं होगी. फिर चाहे वह नीतिश हों या लालू या पासवान .... ( देखें अगली पोस्ट)
फिर फिर से ....
5 वर्ष पहले
3 टिप्पणियां:
बढिया लेख।
लेख तो बढ़िया है ही जो बात मुझे और भी बढ़िया लगी वह है आपका "यारो" लिखना वरना "यारों" पढ़-पढ़ कर आंखें दुखने लगी थीं. न जाने लोग यूं हर सम्बोधन पर बिन्दी लगाना कहां से सीख आए हैं :(
nice and caustic as well
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